"ज्योतिष एक भविष्यवाणी नहीं, बल्कि आत्म-चेतना की यात्रा है।"
मैं, प्रभात खरे, नंदी नाड़ी ज्योतिष की प्राचीन और दुर्लभ परंपरा से जुड़ा एक समर्पित ज्योतिषाचार्य हूँ।
मेरी यह यात्रा वर्ष 1995 में शुरू हुई, जब मैंने दक्षिण भारत के ख्यातिप्राप्त ज्योतिषाचार्य पूज्य गुरु श्री R.G. Rao जी से इस दिव्य विद्या की विधिवत शिक्षा प्राप्त की।
गुरुदेव से प्राप्त ज्ञान, नाड़ी ग्रंथों की साधना और वर्षों के अनुभव ने मुझे इस दिशा में आत्मीयता और सेवा का भाव दिया है।
1995: पूज्य R.G. Rao जी से नंदी नाड़ी ज्योतिष और हस्तरेखा विज्ञान की शिक्षा प्राप्त की।
1996: स्वतंत्र रूप से ज्योतिषीय परामर्श देना प्रारंभ किया।
2000: बिलासपुर (छत्तीसगढ़) में पहला नाड़ी ज्योतिष केंद्र स्थापित किया।
2000–2020: हज़ारों लोगों को सफलतापूर्वक परामर्श प्रदान किया।
2021: में कोविड महामारी के कारण नाड़ी ज्योतिष ऑफिस को अपने निवास में ले आया । निवास (आकाशमार्ग, उसलापुर ओवरब्रिज के पास, शुभम विहार, बिलासपुर,495001(छ.ग) वस्तु के अनुसार बने अपने निवास से नाड़ी ज्योतिष का कार्य सफलतापूर्वक चल रहा है।
नंदी नाड़ी ज्योतिष एक प्राचीन तमिल परंपरा पर आधारित ज्योतिषीय विधा है, जो व्यक्ति के हाथ की रेखाओं, जन्म की ऊर्जा और ग्रंथों में संग्रहीत सूचनाओं पर आधारित होती है।
यह पद्धति आपके पूर्व जन्म, वर्तमान जीवन, और भविष्य की संभावनाओं को अत्यंत सटीकता से उजागर करने की क्षमता रखती है।
जहां पारंपरिक ज्योतिष कभी-कभी अनुमान पर आधारित होता है, वहीं नाड़ी ज्योतिष लिखित ग्रंथों से जुड़ा हुआ होता है – जो हर आत्मा के जीवन क्रम को पहले से ही वर्णित करता है।
मेरा उद्देश्य केवल ज्योतिषीय भविष्यवाणी देना नहीं, बल्कि आपके जीवन के महत्वपूर्ण निर्णयों में सटीक, संवेदनशील और व्यावहारिक मार्गदर्शन प्रदान करना है।
गुरु परंपरा में आस्था रखते हुए, मैं हर परामर्श को दया, गोपनीयता और श्रद्धा के साथ संपन्न करता हूँ।